प्रिय सम्माननिय सदस्य गण हम आदिवासी व गरीबो को देखते हुए भूख प्यास और ठंड से तड़पते गरीबो की दुरदर्शा को देखते हुए आप सभी शुभ चिंतकों सें अनुरोध करते करते है कि हमारे इस उपक्रम को सही रूप से हमारे इस मुहिम को बढ़ाने के लिए हमारा सहयोग करे हम आप लोगो के पास बड़ीआशा लेकर आये है कि आप हमारा निस्वार्थ भाव सें हमारा सहयोग करेंगे हमने चलकर देखा ऊन गरिबो की समस्या जिसमे भूख व ठंड से तड़पते लोगों से जहाँ हमने देखा था कि सरकार ने गरीबी मिटावों अंदोलन प्रारम्भ किया था पर इस में सफल नही हो पायी जिसमें भ्रष्ठ कर्मचारी भृष्ठ राजनीति के कारण जहाँ २१ वी सेंच्युरी में जबकि सरकार अपने आप में डाटा तयार किया है कि एक लाख सालाना इनकम दिखा रही है जबकी हमने देखा है कि गरीबो के बस्ती में जाकर किं उनकी इनकम १०००रुपये बुमाने में असमर्थ है महिने अपने परिवार का भरण पोषण काने में असमर्थ है न अच्छी शिक्षा हैं नही स्कूल कालेज है ना ही अस्पताल हैं जब विमार होते है तो कह जाए किस से कहें सरकार कि पहुंच तक नहीं है विचारे भूख से पिडित है जीवन क्या है इसका अनुभव भी नही करपा रहे है इस से अच्छा मर जाना अच्छा है फिर भी जी रहे है इन्हें पतः है कि कभी न कभी ईश्वर इनकी सहायता करेंगे पर कैसे सायद इसी लिए हम इनके पास तक पहुँच पायें हमने एक एक घर में जाकर पूछ ताक्ष कि तब पतः चला कि यह लोग कुपोषण से घिरें है आप सभी लोगों सें विनम्र आग्रह है कि आप लोग हमारे इस कार्य मे सहयोग आत्मविश्वास के साथ सहयोग करेंगे हम अपके सदा अभारी रहेंगे ठड़ी से जूझ रहे लोगों को कपडों की व्यवस्था करना जैसे कम्बल और सूटर की सुविधा करना है आप लोगो सें विनम्र आग्रह है कि आप लोगो हमारी बातो पर विशेष रूप से ध्यान देगे स्थान है केन नदी के चारो तरफ से धीरा एक छोटा सा टापू हैं पूरा जंगल से घिरा हुआ area है आप लोग खूद आकर देख सकते है लगभग जनसंख्या है 50000 है फिर भी सरकार इन स्थानों तक पहुंचने में . असमर्थ है न कोई संगठन यहां तक पहुंचने में असमर्थ है जो कि सरकार राम राज्य की कल्पना करती है क्या हमने इस प्रकार का पिछड़ा समाज कभी भी नहीं देखा जहाँ भोजन एक समय के लिए प्राप्त नही कर पा रहे है - ठंडीं में मर रहे है बिमारी से मर रहे है। भूख से मर रहे है ऐसी समस्या देखने से लगता है कि यहाँ पर क्यों आये . है हम अगर आप लोग दिल बोल का डुनेशन करेंगे तो लगता है कि हम इनकी सेवा कर पायेंगे एक बात मुझे याद आ रही है कि नर सेवा यानी ईश्वर सेवा " हमारा मानना है कि " हम अपने लिए नही अपनो के लिए हैअपने वे हैं जो पीडित और उपेक्षित है हमारा सहयोग अपना योगदान प्रदान प्रदान करें करें गरीब परिवारों की मदद करने में सक्षम हो पायें हमें विश्वास है आप सभी पर कि हमारा अभियान सफल होगा
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प्रिय सम्माननिय सदस्य गण हम आदिवासी व गरीबो को देखते हुए भूख प्यास और ठंड से तड़पते गरीबो की दुरदर्शा को देखते हुए आप सभी शुभ चिंतकों सें अनुरोध करते करते है कि हमारे इस उपक्रम को सही रूप से हमारे इस मुहिम को बढ़ाने के लिए हमारा सहयोग करे हम आप लोगो के पास बड़ीआशा लेकर आये है कि आप हमारा निस्वार्थ भाव सें हमारा सहयोग करेंगे हमने चलकर देखा ऊन गरिबो की समस्या जिसमे भूख व ठंड से तड़पते लोगों से जहाँ हमने देखा था कि सरकार ने गरीबी मिटावों अंदोलन प्रारम्भ किया था पर इस में सफल नही हो पायी जिसमें भ्रष्ठ कर्मचारी भृष्ठ राजनीति के कारण जहाँ २१ वी सेंच्युरी में जबकि सरकार अपने आप में डाटा तयार किया है कि एक लाख सालाना इनकम दिखा रही है जबकी हमने देखा है कि गरीबो के बस्ती में जाकर किं उनकी इनकम १०००रुपये बुमाने में असमर्थ है महिने अपने परिवार का भरण पोषण काने में असमर्थ है न अच्छी शिक्षा हैं नही स्कूल कालेज है ना ही अस्पताल हैं जब विमार होते है तो कह जाए किस से कहें सरकार कि पहुंच तक नहीं है विचारे भूख से पिडित है जीवन क्या है इसका अनुभव भी नही करपा रहे है इस से अच्छा मर जाना अच्छा है फिर भी जी रहे है इन्हें पतः है कि कभी न कभी ईश्वर इनकी सहायता करेंगे पर कैसे सायद इसी लिए हम इनके पास तक पहुँच पायें हमने एक एक घर में जाकर पूछ ताक्ष कि तब पतः चला कि यह लोग कुपोषण से घिरें है आप सभी लोगों सें विनम्र आग्रह है कि आप लोग हमारे इस कार्य मे सहयोग आत्मविश्वास के साथ सहयोग करेंगे हम अपके सदा अभारी रहेंगे ठड़ी से जूझ रहे लोगों को कपडों की व्यवस्था करना जैसे कम्बल और सूटर की सुविधा करना है आप लोगो सें विनम्र आग्रह है कि आप लोगो हमारी बातो पर विशेष रूप से ध्यान देगे स्थान है केन नदी के चारो तरफ से धीरा एक छोटा सा टापू हैं पूरा जंगल से घिरा हुआ area है आप लोग खूद आकर देख सकते है लगभग जनसंख्या है 50000 है फिर भी सरकार इन स्थानों तक पहुंचने में . असमर्थ है न कोई संगठन यहां तक पहुंचने में असमर्थ है जो कि सरकार राम राज्य की कल्पना करती है क्या हमने इस प्रकार का पिछड़ा समाज कभी भी नहीं देखा जहाँ भोजन एक समय के लिए प्राप्त नही कर पा रहे है - ठंडीं में मर रहे है बिमारी से मर रहे है। भूख से मर रहे है ऐसी समस्या देखने से लगता है कि यहाँ पर क्यों आये . है हम अगर आप लोग दिल बोल का डुनेशन करेंगे तो लगता है कि हम इनकी सेवा कर पायेंगे एक बात मुझे याद आ रही है कि नर सेवा यानी ईश्वर सेवा " हमारा मानना है कि " हम अपने लिए नही अपनो के लिए हैअपने वे हैं जो पीडित और उपेक्षित है हमारा सहयोग अपना योगदान प्रदान प्रदान करें करें गरीब परिवारों की मदद करने में सक्षम हो पायें हमें विश्वास है आप सभी पर कि हमारा अभियान सफल होगा
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