20221011

 *"हिजड़ों ने भाषण दिए लिंग-बोध पर,* 

*वेश्याओं ने कविता पढ़ी आत्म-शोध पर"।*

*महिलाओं का दैहिक शोषण करने वाले नेता ने भाषण दिया नारी अस्मिता पर।*

*भ्रष्ट अधिकारियों ने शुचिता और पारदर्शिता पर उद्बोधन दिया विश्वविद्यालय मैं कभी ना पढ़ाने वाले प्रोफेसर कर्म योग पर व्याख्यान दे रहे हैं।*

     असल मे दोष इनका नहीं है। 

*इस देश की प्रजा प्रधानमंत्री को मंदिर में पूजा करते देखने की आदी नहीं है।* 


*इस देश ने एडविना माउंटबेटन की कमर में हाथ डाल कर नाचते प्रधानमंत्री को देखा है।*


इस देश ने 

*मजारों पर चादर चढ़ाते प्रधानमंत्री को देखा है।*

यह जनता *प्रधानमंत्री को*

*पार्टी अध्यक्ष के सामने नतमस्तक होते देखती आयी है। मंदिर में भगवान के समक्ष नतमस्तक प्रधानमंत्री को लोग कैसे सहन करें ?*

     

बिहार के *एक बिना अखबार के पत्रकार मंदिर से निकल कर सूर्य को प्रणाम करते प्रधानमंत्री का उपहास उड़ा रहे हैं।*


एक महान लेखक जिनका सबसे बड़ा प्रशंसक भी उनकी चार किताबों का नाम नहीं जानता, 

*प्रधानमंत्री के भगवा चादर की आलोचना कर रहे हैं।*


एक कवियित्री जो अपनी कविता से अधिक मंच पर चढ़ने के पूर्व सवा घण्टे तक मेकप करने के लिए जानी जाती हैं, *प्रधानमंत्री के पहाड़ी परिधान की आलोचना कर रही हैं।*


भारत के इतिहास में आलोचना कभी इतनी निर्लज्ज नहीं रही, ना ही बुद्धिजीविता इतनी लज्जाहीन हुई कि 

*गांधीवाद के स्वघोषित योद्धा भी*

*बंगाल की हिंसा के लिए ममता बनर्जी का समर्थन करें।*


क्या कोई व्यक्ति इतना हताश हो सकता है कि किसी की पूजा की आलोचना करे ? 

*क्या इस देश का प्रधानमंत्री अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर की आराधना भी नहीं कर सकता ?* 

क्या बनाना चाहते हैं देश को आप ? 

*सेक्युलरिज्म की यही परिभाषा गढ़ी है आपने ?* 


एक हिन्दू नेता का टोपी पहनना उतना ही बड़ा ढोंग है, जितना किसी ईसाई का तिलक लगाना। 

लेकिन जो लोग इस ढोंग को भी बर्दाश्त कर लेते हैं, उनसे भी 

*प्रधानमंत्री की शिव आराधना बर्दाश्त नहीं हो रही।*


संविधान की प्रस्तावना में वर्णित 

*"धर्म, आस्था और विश्वास की स्वतंत्रता" का* 

*यही मूल्य है आपकी दृष्टि में ?*

      

व्यक्ति विरोध में अंधे हो चुके मूर्खों की यह टुकड़ी चाह कर भी नहीं समझ पा रही कि 

*मोदी एक व्यक्ति भर हैं,*

*आज नहीं तो कल हार जाएगा* 

*कल कोई और था,*

*कल कोई और आएगा।*

*देश न इंदिरा पर रुका था,* 

*न मोदी पर रुकेगा।*

       

समय को इस बूढ़े से जो करवाना था वह करा चुका। 

*मोदी ने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी है।*

मोदी ने *ईसाई पति की पत्नी से*

*महाकाल मंदिर में रुद्राभिषेक करवाया है.*

मोदी ने *मिश्रित DNA वाले इसाई को हिन्दू बाना धारण करने के लिए मजबूर कर दिया है।*

मोदी ने *ब्राम्हणिक वैदिक के विरोध मे राजनीतिक यात्रा शुरू करनेवाले से शिवार्चन करवाया है। मोदी ने रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले के पुत्र से राममंदिर का चक्कर लगवाया है।*

*हिन्दुओं में हिन्दुत्व की चेतना जगानेवाले*


*मोदी के बाद*

*अब वही आएगा*

जो *मोदी से भी बड़ा मोदी होगा।*

       

*"मोदी नाम केवलम"* का 

जाप करने वाले *मूर्ख जन्मान्ध विरोधियों, अब मोदी आये न आये, तुम्हारे दिन कभी नहीं आएंगें।* 


_*अब ऐसी कोई सरकार नहीं आएगी जो घर बैठा कर मलीदा खिलाये!*_

.

💐💐 *भारत बदल चुका है।* 💐💐


*🚩सनातन की चेतना जाग चुकी है।* 💫

🚩🚩🚩🚩🚩

 कृपया अपने पांच मित्रों से शेयर अवश्य करें धन्यवाद।जय सनातन। जय श्री कृष्ण।


खैर अभी भी हिंदू कुम्भकर्णिय निद्रा मे शयन कर रहा है जब कि देखा जाये तो देश मे क्या चल रहा है विधर्मी लोग केवल और केवल हिंदू को ही लक्ष्य बनाते है हिंदू कहता है हिंदू मुस्लि सिख्ख इसाई आपस मे हम सब भाई भाई अन्य धर्मो के आयोजन कार्यक्रम मे हिंदू काफी बड चड कर हिस्सा लेता है बधाइ शुभकामना संदेश ईद इसामसी क्रिसमश डे आदि मे सामिल होता है  

हिंदू अपने त्योहारो मे उनसे आपेक्षा भी नही करता और कहता है वो दूसरे धर्म के है जब आप सामिल होते है उनके त्योहारो पर तो आप भी उनको अपने यहा पूजा पाठ आदि मे बुलाए सामिल करे मूर्ति पूजा कराए आदि क्यो क्या कभी सोचा है नही 

आज देश मे क्या परिस्थिति है खुद देखिए हिंदू अपने आपको हिंदू नही कहता जाति वर्ग समुदाय मे बटा है कितनी भिन्नता है 

इसाई द्वारा हिंदू धर्मांतरण मे प्रोत्साहन 

ब्राम्हण को धर्मांतरण मे 7से 8 लाख रुपया 

क्षत्रिय को धर्मांतरण मे 5 से 6लाख 

पिछड़ा वर्ग को धर्मांतरण मे 3 से 4 

हरिजन धर्मांतरण मे 2से3 

आदिवाशी को 1 से 2 लाख 

आदि तरह तरह के प्रलोभन सुख सुविधा देने कि बात करेंगे 

इसे प्रका मुस्लिम भी कर रहे है विदेशो से काफी अच्छी फंडिग आती है इन सब का उद्देश्य अल्प संख्यक से बहु संख्यक होना भारत मे अपना अधिपत्य लाना आदि है 

अपने धर्म मे अडिग रहे विचलित ना हो हमारे धर्म मे जिनको माने आप उनकी पूजा अर्चना कर सक्ते है प्रति दिन तीत त्योहार है ब्रत उपवाश आदि नदिओ पेड पौधो की भी पूजा की जाती है 

जी हा सत्य सनातन धर्म की जय जय श्री राम 🚩🛕👏

 *"हिजड़ों ने भाषण दिए लिंग-बोध पर,* 

*वेश्याओं ने कविता पढ़ी आत्म-शोध पर"।*

*महिलाओं का दैहिक शोषण करने वाले नेता ने भाषण दिया नारी अस्मिता पर।*

*भ्रष्ट अधिकारियों ने शुचिता और पारदर्शिता पर उद्बोधन दिया विश्वविद्यालय मैं कभी ना पढ़ाने वाले प्रोफेसर कर्म योग पर व्याख्यान दे रहे हैं।*

     असल मे दोष इनका नहीं है। 

*इस देश की प्रजा प्रधानमंत्री को मंदिर में पूजा करते देखने की आदी नहीं है।* 


*इस देश ने एडविना माउंटबेटन की कमर में हाथ डाल कर नाचते प्रधानमंत्री को देखा है।*


इस देश ने 

*मजारों पर चादर चढ़ाते प्रधानमंत्री को देखा है।*

यह जनता *प्रधानमंत्री को*

*पार्टी अध्यक्ष के सामने नतमस्तक होते देखती आयी है। मंदिर में भगवान के समक्ष नतमस्तक प्रधानमंत्री को लोग कैसे सहन करें ?*

     

बिहार के *एक बिना अखबार के पत्रकार मंदिर से निकल कर सूर्य को प्रणाम करते प्रधानमंत्री का उपहास उड़ा रहे हैं।*


एक महान लेखक जिनका सबसे बड़ा प्रशंसक भी उनकी चार किताबों का नाम नहीं जानता, 

*प्रधानमंत्री के भगवा चादर की आलोचना कर रहे हैं।*


एक कवियित्री जो अपनी कविता से अधिक मंच पर चढ़ने के पूर्व सवा घण्टे तक मेकप करने के लिए जानी जाती हैं, *प्रधानमंत्री के पहाड़ी परिधान की आलोचना कर रही हैं।*


भारत के इतिहास में आलोचना कभी इतनी निर्लज्ज नहीं रही, ना ही बुद्धिजीविता इतनी लज्जाहीन हुई कि 

*गांधीवाद के स्वघोषित योद्धा भी*

*बंगाल की हिंसा के लिए ममता बनर्जी का समर्थन करें।*


क्या कोई व्यक्ति इतना हताश हो सकता है कि किसी की पूजा की आलोचना करे ? 

*क्या इस देश का प्रधानमंत्री अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर की आराधना भी नहीं कर सकता ?* 

क्या बनाना चाहते हैं देश को आप ? 

*सेक्युलरिज्म की यही परिभाषा गढ़ी है आपने ?* 


एक हिन्दू नेता का टोपी पहनना उतना ही बड़ा ढोंग है, जितना किसी ईसाई का तिलक लगाना। 

लेकिन जो लोग इस ढोंग को भी बर्दाश्त कर लेते हैं, उनसे भी 

*प्रधानमंत्री की शिव आराधना बर्दाश्त नहीं हो रही।*


संविधान की प्रस्तावना में वर्णित 

*"धर्म, आस्था और विश्वास की स्वतंत्रता" का* 

*यही मूल्य है आपकी दृष्टि में ?*

      

व्यक्ति विरोध में अंधे हो चुके मूर्खों की यह टुकड़ी चाह कर भी नहीं समझ पा रही कि 

*मोदी एक व्यक्ति भर हैं,*

*आज नहीं तो कल हार जाएगा* 

*कल कोई और था,*

*कल कोई और आएगा।*

*देश न इंदिरा पर रुका था,* 

*न मोदी पर रुकेगा।*

       

समय को इस बूढ़े से जो करवाना था वह करा चुका। 

*मोदी ने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी है।*

मोदी ने *ईसाई पति की पत्नी से*

*महाकाल मंदिर में रुद्राभिषेक करवाया है.*

मोदी ने *मिश्रित DNA वाले इसाई को हिन्दू बाना धारण करने के लिए मजबूर कर दिया है।*

मोदी ने *ब्राम्हणिक वैदिक के विरोध मे राजनीतिक यात्रा शुरू करनेवाले से शिवार्चन करवाया है। मोदी ने रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले के पुत्र से राममंदिर का चक्कर लगवाया है।*

*हिन्दुओं में हिन्दुत्व की चेतना जगानेवाले*


*मोदी के बाद*

*अब वही आएगा*

जो *मोदी से भी बड़ा मोदी होगा।*

       

*"मोदी नाम केवलम"* का 

जाप करने वाले *मूर्ख जन्मान्ध विरोधियों, अब मोदी आये न आये, तुम्हारे दिन कभी नहीं आएंगें।* 


_*अब ऐसी कोई सरकार नहीं आएगी जो घर बैठा कर मलीदा खिलाये!*_

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💐💐 *भारत बदल चुका है।* 💐💐


*🚩सनातन की चेतना जाग चुकी है।* 💫

🚩🚩🚩🚩🚩

 कृपया अपने पांच मित्रों से शेयर अवश्य करें धन्यवाद।जय सनातन। जय श्री कृष्ण।


खैर अभी भी हिंदू कुम्भकर्णिय निद्रा मे शयन कर रहा है जब कि देखा जाये तो देश मे क्या चल रहा है विधर्मी लोग केवल और केवल हिंदू को ही लक्ष्य बनाते है हिंदू कहता है हिंदू मुस्लि सिख्ख इसाई आपस मे हम सब भाई भाई अन्य धर्मो के आयोजन कार्यक्रम मे हिंदू काफी बड चड कर हिस्सा लेता है बधाइ शुभकामना संदेश ईद इसामसी क्रिसमश डे आदि मे सामिल होता है  

हिंदू अपने त्योहारो मे उनसे आपेक्षा भी नही करता और कहता है वो दूसरे धर्म के है जब आप सामिल होते है उनके त्योहारो पर तो आप भी उनको अपने यहा पूजा पाठ आदि मे बुलाए सामिल करे मूर्ति पूजा कराए आदि क्यो क्या कभी सोचा है नही 

आज देश मे क्या परिस्थिति है खुद देखिए हिंदू अपने आपको हिंदू नही कहता जाति वर्ग समुदाय मे बटा है कितनी भिन्नता है 

इसाई द्वारा हिंदू धर्मांतरण मे प्रोत्साहन 

ब्राम्हण को धर्मांतरण मे 7से 8 लाख रुपया 

क्षत्रिय को धर्मांतरण मे 5 से 6लाख 

पिछड़ा वर्ग को धर्मांतरण मे 3 से 4 

हरिजन धर्मांतरण मे 2से3 

आदिवाशी को 1 से 2 लाख 

आदि तरह तरह के प्रलोभन सुख सुविधा देने कि बात करेंगे 

इसे प्रका मुस्लिम भी कर रहे है विदेशो से काफी अच्छी फंडिग आती है इन सब का उद्देश्य अल्प संख्यक से बहु संख्यक होना भारत मे अपना अधिपत्य लाना आदि है 

अपने धर्म मे अडिग रहे विचलित ना हो हमारे धर्म मे जिनको माने आप उनकी पूजा अर्चना कर सक्ते है प्रति दिन तीत त्योहार है ब्रत उपवाश आदि नदिओ पेड पौधो की भी पूजा की जाती है 

जी हा सत्य सनातन धर्म की जय जय श्री राम 🚩🛕👏